पॉटरी बिजनेस : मिट्टी को सोना में बदलें | How to Start a Pottery Business
मिट्टी भी सोना उगल सकती है, बशर्ते उसे माॅर्डन आर्ट में ढ़ाला जाएं तो. किसी भी ड्राइंगरूम में खूबसूरत मिट्टी का पाॅट कमरे की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है. जिसके चलते आज मिट्टी के पाॅट, मुर्तिया, लैम्प, किचन के बर्तन, बर्ड हाउसेज, ज्वैलरी आदि की काफी मांग बढ़ रही है. यहीं नहीं इसकी डिमांड विदेशों में भी काफी हो रही है.
पाॅटरी का बिजनेस (Pottery Business)आप कई तरीकों से कर सकते हैं. पाॅटरी विशेषज्ञ बनकर, अपने यहां कारीगर रखकर या होलसेल माॅर्केट से माल खरीद कर.
पाॅटरी (Pottery) विशेषज्ञ बनने के लिए आपको इसके लिए ट्रेनिंग लेना होगा. यदि आप में कल्पना शीलता, रचनात्मकता और काम करने के प्रति लगाव है तो आप पाॅटरी विशेषज्ञ बन सकते है.
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ट्रेनिंग लेने के बाद इससे संबंधित मूल जानकारी मिल जाएगी, लेकिन इस काम की सफाई निरन्तर अभ्यास के बाद ही आती है. पाॅटरी डिजायनिंग, पाॅटरी मेकिंग और सिरेमिक डिजाइन में सार्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स या ग्रेजुएशन कर सकते हैं. यह कोर्स इंदिरागांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू से किया जा सकता हैं. इसके साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में पाॅलिटेक्निक काॅलेज में भी पाॅटरी के कोर्स पढ़ाएं जाते हैं.
ट्रेनिंग के दौरान पाॅट तैयार करने के लिए अलग-अलग तरीके, आग में पकाने की विधि, टेम्प्रेचर, मेंटेनेंस, चमक लाने के लिए, अलग-अलग डिजाइन की विधि बतायी जाती है. यदि आप कम पढ़े लिखे है पाॅटरी आर्ट में रूचि है तो आप इससे संबंधित किसी पाॅटरी विशेषज्ञ के पास रहकर इस टेªनिंग को ले सकते हैं.
पाॅट को हाथ, पाॅटरी व्हील के अलावा मशीन से भी तैयार किया जाता है. उसे पकाने के लिए भट्टी की भी जरूरत होती है. कई छोटे-मोटे टूल्स जैसे हैंडमशीन भी काम में लाई जाती है. यदि आप अच्छी कंपनी का पाॅट फिन यानी भट्टी लेते है तो काफी मंहगा पड़ता है पर यह काफी बढ़िया होता है.
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पाॅटरी (Pottery) के लिए अलग-अलग चीज़ों के लिए अलग-अलग मिट्टी इस्तेमाल में लायी जाती है. टेराकोटा तथा हल्के आयटम के लिए कोलकाता की मिट्टी इस्तेमाल में लायी जाती है. मिट्टी के चयन के बाद इसे आकार देने, डिजाइनिंग आदि में हफ्तो लग जाते हैं.
डिजाइनिंग गीली मिट्टी में की जाती है फिर आयटम को छाया में सूखाने की प्रक्रिया शुरू होती है. इसमें कम से कम 10 दिन लगते हैं. इसके बाद आयटम का बेस बनाया जाता है. उसे मेटालिक या वुडन फिनिश दी जाती है. आखिर में वाॅटर प्रूफ करने के बाद मार्केट में लाया जाता है.
बाजार में मिट्टी के चीजों की काफी डिमांड है. जैसे सेरामिक पाॅट, टी-पाॅट, लैम्प, शो पीस, स्टेच्यू, ज्वैलरी आदि. विदेशों में मिट्टी के आइटम की काफी डिमांड है. आज के दौर में सेरामिक पाॅट, टी-पाॅट, लैम्प, शो पीस, स्टेच्यू, ज्वैलरी आदि आइटम का करोड़ों रूपए का कारोबार हो रहा है. बस, आपको अपने लिए मार्केट तलाशना है. इस बिजनेस के लिए सरकार भी काफी मदद करती है.
मार्केट में खुद को स्थापित करने में थोड़ा वक्त लग सकता है. एक बार पहचान बन जाने पर ग्राहक खुद ही आपसे संपर्क करने लगते हैं.
शुरूआत में थोड़ी भागदौड़ करके यदि आप किसी अच्छे होटल का आॅर्डर हासिल कर लेते है तो आप काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए होटलों के डिजाइनरों और आर्किटेक से सम्पर्क कर सकते है.
आर्किटेक के पास घरो और कार्यालयों के प्रोजेक्ट होते है, जिनका आॅर्डर वे दूसरों को दे सकते हैं. इसके अलावा आप अपने बिजनेस के लिए पयर्टन स्थलों और विदेशी दूतावासों में भी संपर्क कर सकते हैं. त्यौहारों में लगने वाले मेलों, सरकारी गैर सरकारी प्रर्दशनी, क्राफ्ट मार्केट में प्रदर्शनियां लगाएं ताकि आपके काम को पहचान मिलें.
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50 हजार से 1 लाख रूपए में इस काम को शुरू किया जा सकता है. यदि आप अपने काम की थोड़ी बहुत पब्लिसिटी कर लेते है तो आपको अपना मार्केट बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. जाहिर सी बात है मार्केट बढ़ेगा तो इंकम भी बढ़ेगी. पब्लिसिटी के लिए आप लोकल अखबार, लोकल केबिल टीवी चैनल, सोशल मीडिया को अपना सकते है.
सोशल मीडिया, खास कर इंस्ट्राग्राम पर अपना पेज जरूर बनाएं. इसमें अपने द्वारा तैयार खूबसूरत डिजाइन के पाॅट के फोटो और उसकी कीमत को जरूर पोस्ट करें. यहां से काफी मात्रा में माल सेल होने की संभावना रहती है. शुरू में अपने प्रोडेक्ट की कीमत कुछ कम रखें. एक बार ब्रांडिग होने पर आपको मुंह मांगी कीमत मिलने लगेगी.
मिट्टी के छोटे से छोटे आयटम 50 रूप्ए से बिक जाते है. मूंढ़े फ्लावर पाॅट सौ रूपए से लेकर हजारों रूपयों में बिकते हैं. इसी तरह बुद्ध, आदि की प्रतिमाएं हजारों-लाखों रूपए में बिकते हैं.
जैसे-जैसे आपके प्रोजेक्ट की मांग बढ़ेगी. आपकी इनकम बढ़ेगी. जाने माने पाॅटरी विशेषज्ञों की इनकम लाखों में है.
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